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Mujhe Bi Yaad Rakhna


Kantilal Suthar
Mujhe Bi Yaad Rakhna Jab Likho Tarikh Wafa Ki
Maine Bhi Lutaya Hai Mohabbat Main Sakoon Apna
मेरा नाम ज़ुबाँ पे रखना दूर होके दूर ना होने ख़त जो लिखे थे मैंने




मुझे याद रखना, जहाँ भी रहूँ जहाँ कहीं भी हूँ मुझे याद रखना, जहाँ भी रहूँ

बिन वजह ही लड़ना झगड़ना क्या खूब याद है तेरी खामोशी में जाने कैसे १००-१०० बात हैं क्यूँ फिर भी सब रह गया जो हमको सुनना था?

मुझे याद रखना, जहाँ भी रहूँ मुझे याद रखना, जहाँ भी रहूँ

बारिश में भीगी वो यादें रखी हैं सँभाल के देखूँ मैं तेरी तस्वीरें अब मन की दीवार पे शाम हुई है फिर से यहाँ, दस्तक तेरी नहीं है


मुझे याद रखना, जहाँ भी रहूँ मुझे याद रखना, जहाँ भी रहूँ

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