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अक्तूबर 16, 2022 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

एक अरसे बाद फिर लिखने की कोशिश शुरू हो गई है.

Kantilal suthar   सभी प्रकार से क्षमा-याचना कर उन सभी से निवेदन करूंगा कि यह जिंदगी है, जो काफी उलझनों का ताना-बाना लिए हमें विवशता के भंवर में डुबो देती है, जिससे उबरने में वक्त लगता है. खैर, वक्त कितना भी बुरा हो, आखिर गुजर ही जाता है. सो एक अरसे बाद फिर लिखने की कोशिश शुरू हो गई है. देर आए, दुरुस्त आए…, यह कहावत बहुत मामलों में सही हो सकता है  तक़रीबन दो हफ्ते पहले की बात है, मेरे फेसबुक पेज पर एक फ्रेंड रिक्वेस्ट आया। रिक्वेस्ट चाहे किसी का हो, मैं स्वीकार जरूर करता हूं। हां, एकबार प्रोफाइल अवश्य देखता हूं। फ़िल्म, साहित्य, मीडिया और अन्य रचनात्मक कार्यों से जुड़े लोगों के फ्रेंड रिक्वेस्ट तो मैं बिना सोचे-समझे एक्सेप्ट करता हूं।  वही हुआ, जो मेरे साथ अक्सर होता है, मतलब दिल्ली की गलियों में श्यामलीला । जाना था जापान, पहुंच गए चीन यानी स्टूडियो सफ़दर की उलटी दिशा में आ गया था। फिर उन्होंने सही रास्ता बताया तो यही कुछेक पांच-सात मिनटों में स्टूडियो पहुंच गया। “थैंक गॉड” बोलते हुए मैंने रिक्शे का भाड़ा चुकाया और लगे हाथ कन्फर्म करने की गरज से पास खड़े एक सज्जन से पूछा ‘स्टूडियो यही है न

(Chairman's Awards).Mr. Mukesh D. Ambani part 02

Higgs boson

  Higgs Boson Jump to navigationJump to searc The  Higgs boson , sometimes called the  Higgs particle , [9] [10]  is an  elementary particle  in the  Standard Model  of  particle physics  produced by the  quantum excitation  of the  Higgs field , [11] [12]  one of the  fields  in  particle physics  theory. [12]  In the Standard Model, the Higgs particle is a massive  scalar boson  with zero  spin , even (positive)  parity , no  electric charge , and no  colour charge , that  couples  to (interacts with) mass. [13]  It is also very unstable,  decaying  into other particles almost immediately. The  Higgs field  is a  scalar   field , with two neutral and two electrically charged components that form a complex  doublet  of the  weak isospin   SU(2)  symmetry. Its " Mexican hat-shaped " potential leads it to take a nonzero value  everywhere  (including otherwise empty space), which  breaks  the  weak isospin  symmetry of the  electroweak interaction , and via the  Higgs mechanism

क्रिस्टियानो रोनाल्डो

    क्रिस्टियानो रोनाल्डो डॉस सैंटोस एवेइरो GOIH   ComM   ( पुर्तगाली उच्चारण:  [kriſ'tjenu bɔ 'natdu] ;जन्म 5 फरवरी 1985)एक पुर्तगाली पेशेवर   फुटबॉलर   है जो   प्रीमियर लीग   क्लब   मैनचेस्टर यूनाइटेड   के लिए   फॉरवर्ड   के रूप में खेलते है और   पुर्तगाल की राष्ट्रीय टीम   की   कप्तानी   करते है। अक्सर दुनिया में सबसे अच्छा खिलाड़ी माने जाते है और व्यापक रूप से सभी समय के महानतम खिलाड़ियों में से एक के रूप में माने जाते है, रोनाल्डो ने पांच   बैलोन डी'ओर   पुरस्कार [1]   और चार   यूरोपीय गोल्डन शूज़   जीते हैं, जो एक यूरोपीय खिलाड़ी द्वारा सबसे अधिक है। उन्होंने अपने करियर में 32 ट्राफियां जीती हैं, जिसमें सात लीग खिताब, पांच   यूईएफए चैंपियंस लीग , एक   यूईएफए यूरोपीय चैम्पियनशिप   और एक   यूईएफए राष्ट्र लीग   शामिल हैं।   रोनाल्डो   ने   चैंपियंस लीग   में सर्वाधिक उपस्थिति (182), सर्वाधिक गोल (140), और सहायता (42),   यूरोपीय चैम्पियनशिप   में सर्वाधिक गोल (14), पुरुष खिलाड़ी द्वारा सर्वाधिक अंतरराष्ट्रीय गोल (115), और सर्वाधिक एक यूरोपीय पुरुष द्वारा अंतरराष्ट्रीय उपस

राम जी को वनवास ...Ramayan (Ramayan hi kiyu or koi kiu naam nahi) P16

                                  PART.16                             दोस्तों मेरा नाम कांतिलाल सुथार आज देखते है     राम  जी को वनवास  कियु हुवा था राम के पिता दशरथ ने उनकी सौतेली माता कैकेयी को उनकी किन्हीं दो इच्छाओं को पूरा करने का वचन (वर) दिया था। कैकेयी ने दासी मन्थरा के बहकावे में आकर इन वरों के रूप में राजा दशरथ से अपने पुत्र भरत के लिए अयोध्या का राजसिंहासन और राम के लिए चौदह वर्ष का वनवास मांगा। पिता के वचन की रक्षा के लिए राम ने खुशी से चौदह वर्ष का वनवास स्वीकार किया। पत्नी सीता ने आदर्श पत्नी का उदाहरण देते हुए पति के साथ वन (वनवास) जाना उचित समझा। भाई लक्ष्मण ने भी राम के साथ चौदह वर्ष वन में बिताए। भरत ने न्याय के लिए माता का आदेश ठुकराया और बड़े भाई राम के पास वन जाकर उनकी चरणपादुका (खड़ाऊँ) ले आए। फिर इसे ही राज गद्दी पर रख कर राजकाज किया। जब राम वनवासी थे तभी उनकी पत्नी सीता को रावण हरण (चुरा) कर ले गया। जंगल में राम को हनुमान जैसा मित्र और भक्त मिला जिसने राम के सारे कार्य पूरे कराये। राम ने हनुमान, सुग्रीव आदि वानर जाति के महापुरुषों की सहायता से सीता को ढूंंढा। स

राम जी के जीवन की प्रमुख घटनाएं...Ramayan (Ramayan hi kiyu or koi kiu naam nahi) P15

  PART. 15 दोस्तों मेरा नाम  कांतिलाल सुथार आज देखते है  राम  जी   के जीवन की प्रमुख घटनाएं पुराणों में श्री राम के जन्म के बारे में स्पष्ट प्रमाण मिलते हैं कि श्री राम का जन्म वर्तमान  भारत  के  अयोध्या  नामक नगर में हुआ था। अयोध्या, जो कि भगवान राम के पूर्वजों की ही राजधानी थी। रामचन्द्र के पूर्वज रघु थे। भगवान राम बचपन से ही शान्‍त स्‍वभाव के वीर पुरूष थे। उन्‍होंने मर्यादाओं को हमेशा सर्वोच्च स्थान दिया था। इसी कारण उन्‍हें  मर्यादा पुरूषोत्तम राम  के नाम से जाना जाता है। उनका राज्य न्‍यायप्रिय और खुशहाल माना जाता था। इसलिए भारत में जब भी सुराज (अच्छे राज) की बात होती है तो रामराज या रामराज्य का उदाहरण दिया जाता है। धर्म के मार्ग पर चलने वाले राम ने अपने तीनों भाइयों के साथ गुरू वशिष्‍ठ से शिक्षा प्राप्‍त की। किशोरावस्था में गुरु विश्वामित्र उन्‍हें वन में राक्षसों द्वारा मचाए जा रहे उत्पात को समाप्त करने के लिए साथ ले गये। राम के साथ उनके छोटे भाई लक्ष्मण भी इस कार्य में उनके साथ थे। ब्रह्म ऋषि विश्वामित्र, जो ब्रह्म ऋषि बनने से पहले राजा विश्वरथ थे, उनकी तपोभूमि बिहार का बक्सर जि

रावण द्वारा भगवान शंकर की स्तुति ही क्यों हुआ ...Ramayan (Ramayan hi kiyu or koi kiu naam nahi) P14

PART. 14 दोस्तों मेरा नाम  कांतिलाल सुथार आज देखते है  रावण द्वारा भगवान शंकर की स्तुति ही क्यों हुआ एक बार नारद जी फिर से लंका आये, रावण ने उनकी बहुत अच्छी सेवा की, नारद जी ने रावण को कहा “सुना है महादेव से बल पाए हो रावण ने कहा हाँ आपकी बात सही है. नारद ने कहा कितना बल पाए. रावण ने कहा यह तो नहीं पता परंतु अगर मैं चाहूँ तो पृथ्वी को हिला डुला सकता हूँ. नारद ने कहा तब तो आपको उस बल की परीक्षा भी लेनी चाहिये क्युँकि व्यक्ति को अपने बल का पता तो होना ही चाहिये. रावण को नारद की बात ठीक लगी और सोच के बोला महर्षि अगर मैं महादेव को कैलाश पर्वत सहित ऊठा के लंका में ही ले आता हूँ ये कैसा रहेगा? इससे ही मुझे पता चला जायेगा कि मेरे अंदर कितना बल है. नारद जी ने कहा विचार बुरा तो नहीं है और उसके बाद चले गये. एक दिन रावण भक्ति और शक्ति के बल पर कैलाश समेत महादेव को लंका में ले जाने का प्रयास किया. जैसे ही उसने कैलाश पर्वत को अपने हाथों में ऊठाया तो देवि सती फिसलने लगी, वो जोर से बोली ठहरो-ठहरो ! इसके उन्होंने महादेव से पूछा कि भगवन ये कैलाश क्युँ हिल रहा है महादेव ने बताया रावण हमें लंका ले जाने क

रावण का विवाह मंदोदरी और दम्यमालिनी से ही क्यों हुआ ...Ramayan (Ramayan hi kiyu or koi kiu naam nahi) P13

  PART. 13 रावण का वि वाह दोस्तों मेरा नाम  कांतिलाल सुथार आज देखते है  रावण का वि वाह  मंदोदरी और दम्यमालिनी से ही क्यों हुआ/ दानवों को पता चला कि उनके भांजा रावण ने अकेले ही स्वर्ग में सभी देवताओं को परास्त कर दिया है। तीनो लोकों में इस बात का पता चला और इस बात से दानव बहुत खुश हो गये उनकी वर्षो  की मनोकामना पूर्ण हो गयी और दानवों ने रावण की जय जयकार की और रावण को अपना राजा बनने कि प्रार्थना की. रावण के तेज और उसके भव्य स्वरूप और नेतृत्व (डायनामिक लीडरशिप) से मय दानव ने प्रसन्न हो के अपनी अत्यंत सुंदर और मर्यादा का पालन करने वाली पुत्रियों मंदोदरी और दम्यमालिनी का विवाह रावण के साथ किया और रावण पत्नी रूप में मंदोदरी और दम्यमालिनी को पा के प्रसन्न हुआ. पतिव्रता नारियों में मंदोदरी का स्थान देवी  अहिल्या  के समकक्ष है ........................................................................................................................... अहल्या  अथवा  अहिल्या  सनातन धर्म की कथाओं में वर्णित एक स्त्री पात्र हैं, जो गौतम ऋषि की पत्नी थीं। ब्राह्मणों और पुराणों में इनकी कथा छिटपुट रूप स

रावण के 10 सिर ही कियु 11 क्यों नहीं Ramayan (Ramayan hi kiyu or koi kiu naam nahi)P11

Part 11 Ramayan (Ramayan hi kiyu or koi kiu naam nahi )    दोस्तों मेरा नाम  कांतिलाल सुथार आज देखते है  रावण के 10 सिर ही कियु 11 क्यों नहीं  रावण के दस सिर होने की चर्चा रामायण में आती है। वह कृष्णपक्ष की अमावस्या को युद्ध के लिये चला था तथा एक-एक दिन क्रमशः एक-एक सिर कटते हैं। इस तरह दसवें दिन अर्थात् शुक्लपक्ष की दशमी को रावण का वध होता है। रामचरितमानस में यह भी वर्णन आता है कि जिस सिर को राम अपने बाण से काट देते हैं पुनः उसके स्थान पर दूसरा सिर उभर आता था। विचार करने की बात है कि क्या एक अंग के कट जाने पर वहाँ पुनः नया अंग उत्पन्न हो सकता है? वस्तुतः रावण के ये सिर कृत्रिम थे - आसुरी माया से बने हुये। मारीच का चाँदी के बिन्दुओं से युक्त स्वर्ण मृग बन जाना, रावण का सीता के समक्ष राम का कटा हुआ सिर रखना आदि से सिद्ध होता है कि राक्षस मायावी थे। वे अनेक प्रकार के इन्द्रजाल ( जादू ) जानते थे। तो रावण के दस सिर और बीस हाथों को भी कृत्रिम माना जा सकता है। लेकिन कुछ विद्वान मानते हैं कि रावण के दस सिरों की बात प्रतीकात्मक है- उसमें दस मनुष्यों की जितनी बुद्धि थी और दस आदमियों का बल था! आ