Kantilal suthar सभी प्रकार से क्षमा-याचना कर उन सभी से निवेदन करूंगा कि यह जिंदगी है, जो काफी उलझनों का ताना-बाना लिए हमें विवशता के भंवर में डुबो देती है, जिससे उबरने में वक्त लगता है. खैर, वक्त कितना भी बुरा हो, आखिर गुजर ही जाता है. सो एक अरसे बाद फिर लिखने की कोशिश शुरू हो गई है. देर आए, दुरुस्त आए…, यह कहावत बहुत मामलों में सही हो सकता है तक़रीबन दो हफ्ते पहले की बात है, मेरे फेसबुक पेज पर एक फ्रेंड रिक्वेस्ट आया। रिक्वेस्ट चाहे किसी का हो, मैं स्वीकार जरूर करता हूं। हां, एकबार प्रोफाइल अवश्य देखता हूं। फ़िल्म, साहित्य, मीडिया और अन्य रचनात्मक कार्यों से जुड़े लोगों के फ्रेंड रिक्वेस्ट तो मैं बिना सोचे-समझे एक्सेप्ट करता हूं। वही हुआ, जो मेरे साथ अक्सर होता है, मतलब दिल्ली की गलियों में श्यामलीला । जाना था जापान, पहुंच गए चीन यानी स्टूडियो सफ़दर की उलटी दिशा में आ गया था। फिर उन्होंने सही रास्ता बताया तो यही कुछेक पांच-सात मिनटों में स्टूडियो पहुंच गया। “थैंक गॉड” बोलते हुए मैंने रिक्शे का भाड़ा चुकाया और लगे हाथ कन्फर्म करने की गरज से पास खड़े एक सज्जन से पूछा ‘स्टूडियो यही है न
हमारा ब्लॉग आपका स्वागत करता है! यहां आपको विभिन्न विषयों पर रोचक और ज्ञानवर्धक लेख मिलेंगे। हमारी टीम ने साहित्य, संगीत, कला, स्वास्थ्य, यात्रा, खेल, प्रौद्योगिकी, साहित्यिक समीक्षा, शिक्षा और बहुत कुछ के बारे में रोचक और मनोरंजक लेख तैयार किए हैं। हम अपने ब्लॉग पर समय-समय पर नवीनतम लेख अपडेट करते हैं ताकि आप हमेशा ताजगी और नवीनतम जानकारी से अवगत रहें। हमारे लेख आपको ज्ञानवर्धक जानकारी प्रदान करेंगे और आपको मनोरंजन के अलावा सीखने का भी मौका देंगे। चाहे आप स्वास्थ्य से जुड़े टिप्स ढूंढ़ रहें ह